स्वास्थ्य संबंधी अधिकारो का हनन करता रतलाम का निजी हॉस्पिटल :- मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार स्वास्थ्य संबंधी अधिकारो का हनन करता रतलाम का निजी आरोग्यं हॉस्पिटल राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने दर्ज किया मामला
रतलाम/ D I T NEWS. :- रतलाम शहर के एक निजी अस्पताल आरोग्यं में चिकित्सक द्वारा घोर लापरवाहि कर एक मासूम बच्चे के साथ जो घटना हुई उसकी जानकारी देते हुए आहत के पिता द्वारा बताया गया की मेरे पुत्र जिशान का स्वास्थ्य खराब होने के कारण उसकी सोनोग्राफ करवाई गई थी जिस सोनोग्राफी रिपोर्ट से आहत के पिता को पता चला कि मेरे पुत्र को अरनिया की बिमारी है जिस पर मेरे द्वारा अपने पुत्र को आरोग्यम हाॅस्पीटल रतलाम मे दिनांक 25.02.2023 को बताया गया। हाॅस्पीटल मे उपस्थित चिकित्सक चेकअप किया गया व यह बताया कि आपके पुत्र को अरनिया की बिमारी है जिससे उसका आॅपरेशन जल्द करना पड़ेगा, वरना उसकी जान का भी खतरा है। ऐसा कहते किए हाॅस्पीटल संचालक व डाॅक्टरो के कहेनुसार मेंने दिनांक 25.02.2023 को रात्री 10.00 बजे अपने पुत्र जिशान को हाॅस्पीटल मे भर्ती कराया गया था।
दिनांक 26.02.2023 को सुबह करीब 09.00 बजे प्रार्थी के पुत्र जिशान का आॅपरेशन करने के लिए आॅपरेशन थियेटर मे ले जाया गया व कुछ समय पश्चात जब हाॅस्पीटल के आॅपरेशन से डाॅक्टर साहब बाहर आए और बोले कि आपका बच्चा जल चुका है तो मेने जाकर देखा कि मेरे के बच्चे जिशान की पीठ व अन्य जगह जल चुकी है व मेरा पुत्र जोर-जोर से रो रहा है जिस पर मेरे द्वारा डाॅक्टर से पूछा गया तो उनका कहना था कि आपका पुत्र हमारी गलती से जल गया है, अब इसका कुछ नही हो सकता है और आप घबराओ मत, हम इसका ईलाज करेंगें तथा कुछ समय पश्चात पुनः मेरे पुत्र जिशान को आॅपरेशन थियेटर मे ले गए व उसका हरनिया का आॅपरेशन किया गया तथा दिनांक 25.02.2023 से लगातार दिनांक 02.03.2023 तक मेरे पुत्र जिशान आरोग्यम हाॅस्पीटल मे ही भर्ती रहा तथा उसकी छूट्टी के उपरांत जिशान के समस्त ओरिजनल दस्तावेज डॉक्टर और हॉस्पिटल ने षडयंत्रपूर्वक अपने पास रख लिए व मुझको कुछ नही दिया गया।
मेरे द्वारा रोज लगातार अपने पुत्र की मरहम पट्टी के लिए आरोग्यम हाॅस्पीटल जाता रहा, परन्तु उसकी मरहम पट्टीया अच्छी तरह से नही हुई और हाॅस्पीटल के डाॅक्टर विक्रम सिंह मुजाल्दे व उनके साथीगण द्वारा की गई लापरवाही से मेरे पुत्र जिशान की तबीयत ओर ज्यादा खराब होने लगी, जिस पर मेरे द्वारा दिनांक 09.03.2023 को अहमदाबाद गुजरात मे मेरे पुत्र को ले जाया गया और वहाँ उसका सुचारु रुप से ईलाज करवाया गया तथा अहमदाबाद मे भर्ती रहने के दौरान मुझे यह जानकारी हुई कि आरोग्यम हाॅस्पीटल रतलाम के द्वारा मुझसे रुपये लेने के उपरांत भी मेरे पुत्र का अरनिया का आॅपरेशन नही किया गया व मेरे साथ षडयंत्रपूर्वक धोखाधड़ी कर लापरवाहीपूर्वक कर मेरे पुत्र जिशान की जान खतरे मे डाली गई।
उक्त घटना और कृत्यो से में व मेरा परिवार मानसिक व शारीरिक व आर्थिक रुप से परेशान हुए है तथा दिनांक 31.03.2023 को जब में अपने पुत्र को लेकर आरोग्यम हाॅस्पीटल रतलाम मे बातचीत करने हेतु गया तो हाॅस्पीटल के संचालक व डाॅक्टरो के द्वारा मेरा मजाक बनाते हुए अभद्र व्यवहार कर मेरी हसी उड़ाई गई |
इस प्रकार आरोग्यं हॉस्पिटल द्वारा नियमो का उल्लंघन किया गया है अस्पताल संचालक के द्वारा लोगो की जान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इस प्रकार का खिलवाड़ भारतीय सविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार स्वास्थ्य सम्बन्धि अधिकारो का हनन किया जा रहा है।
इस पर हमारी चर्चा अभिभाषक जहिरउद्दीन से हुई तो उनके द्वारा इस मामले में रतलाम कोर्ट में एक परिवाद पेश भी किया गया है और उसमे थाना प्रभारी माणक चौक से घटना के सम्बन्ध में पूरी जानकारी न्यायलय द्वारा मांगी गयी है उसके बाद बताया की शासकीय अस्पताल रतलाम व मेडिकल काॅलेज के प्रोफेसर व डाॅक्टर आरोग्यम हाॅस्पीटल रतलाम मे बेठकर लोगो का ईलाज कर रहे है तथा शासकीय सेवा मे होने के उपरांत भी रुपयो की लालच मे आकर प्रायवेट हाॅस्पीटल मे अपनी सेवाएंे प्रदान कर रहे है तथा शासकीय नियमो का उल्लंघन किया जा रहा है तथा सिविल सेवा आचरण अधिनियम का उल्लंघन किया जा रहा है। ऐसी स्थिति मे शासकीय डाॅक्टर जो आरोग्यम हाॅस्पीटल मे अपनी सेवाएंे रुपयो की लालच मे दे रहे है उन्हे तत्काल प्रभाव से शासकीय सेवा से बर्खाश्त किया जावे व उनके विरुद्ध भी वैधानिक कार्यवाही की जाना अति आवश्यक है, ताकि रतलाम के इस मासूम के बच्चे के साथ जो घटना घटित हुई है, ऐसी घटना किसी अन्य व्यक्ति के साथ ना हो और जब तक इस बच्चे को न्याय नही मिल जाता तब तक हम पीछे नही हटेंगे और ऐसे लापरवाह डॉक्टर का लाइसेंस निरस्त और हॉस्पिटल सील नही हो जाते |