रतलाम की सेरेब्रल एन्यूरिज्म से पीड़ित महिला को इंदौर के अस्पताल से मिला नया जीवन
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रतलाम/ D I T NEWS :- हम अक्सर मेडिकल इमरजेंसी में गुजरात दौड़ लगाने को मजबूर हो जाते है। ब्रेन हैमरेज के लिए भी गुजरात तक जाने की जरूरत नहीं है। अब इंदौर के एक अस्पताल में ब्रेन हैमरेज का इंवेसिव इंडो वेस्कुलर तकनीक से उपचार संभव हो पा रहा है।
फिर चाहे दिमाग में उभरी या फूली हुई नस हो या फिर फुली हुई नस फट गई हो याने कि ब्रेन हैमरेज हुआ हो अब इसे इस तकनीक की मदद से इंदौर के एक अस्पताल में उपचार किया जा रहा है, इसकी खासियत है कि इसमें बिना खोपड़ी को खोले इसका उपचार हो रहा। ऐसा ही एक मामला रतलाम के पिपलोदा की पेशे से 50 वर्षीय शिक्षिका के साथ हुआ जिन्हें अचानक दिमाग में हैमरेज हुआ और वे इंदौर के मेदांता अस्पताल पहुंची जहां उनका इंवेसिव इंडो वेस्कुलर तकनीक की मदद से उपचार हो पाया। जिन्हें अब नया जीवन मिला है।
न्यूरो रेडियोलाजिस्ट डा. स्वाति चिंचुरे ने बताया कि सेरेब्रल एन्यूरिज्म यानि खून की नली का गुब्बारे के फटने पर दिमाग में ब्लडिंग यानि इंट्राक्रैनील हेमरेज होता है। यह एक गंभीर बीमारी है। इसमें स्ट्रेस, लकवा, कोमा या फिर मरीज की मौत भी हो जाती है। इसके लिए एक परंपरागत सर्जरी होती है, जिसमें सर्जन क्लीप लगाते हैं। इसमें रक्तस्त्राव भी अधिक होता है और दिमाग की हड्डी भी ओपन करना पड़ती है। इससे उपचार का यह एक हाई रिस्क तरीका है। वहीं दूसरा तरीका मिनिमम इंवेसिव इंडो वेस्कुलर तकनीक से उपचार है। इसमें पैर में सूई लगाते हैं। पैर के रास्ते से दिमाग तक कैथेटर पहुंचाकर क्वाईलिंग कर उसे बंद कर देते हैं। इसका यह फायदा होता है कि इसमें रक्तस्त्राव भी नहीं होता है और जान भी बच जाती है।
न्यूरो रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर स्वामी ने बताया कि यदि आपको सिर दर्द, जी मचलना, उल्टी होना, गर्दन में अकड़न, बेहोश होना और दौरा पड़ने जैसे लक्षण हो तो इसे हल्के में न लेते हुए तुरंत अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करे ताकि कोई बीमारी आक्रमक रूप न सके।