विधायक आके बोले की सरकारी स्कूल अच्छे तो उनसे पुछना आप के बेटो को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने क्यों भेजते हो

विधायक आके बोले की सरकारी स्कूल अच्छे तो उनसे पुछना आप के बेटो को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने क्यों भेजते हो

विधायक आके बोले की सरकारी स्कूल अच्छे तो उनसे पुछना आप के बेटो को प्राइवेट स्कूल में पढ़ने क्यों भेजते हो


हम जो मुद्दे उठा रहे हैं अब दोनों पार्टिया उनको कॉपी करने में लग गई क्योंकि इनको अब पता चला की किसानो का असली दुःख दर्द तो यह है। 

रात में हमारे झंडे और बैनर फाड़ के फेंक दिए यह राजनीति थोड़ी होती है। 

हम तो फकीर हैं साधु संत की तरह झोली लेकर वोट मांगने निकले हैं नेताओं की तरह हम पैसे नहीं बांट सकते क्योंकि की हमारे पास बांटने को पैसै नहीं है


जावरा/ D I T NEWS :- विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय जीवन सिंह शेरपुर का तूफानी जनसम्पर्क किया शेरपुर ने सोमवार को विधानसभा क्षेत्र के गांव बरखेड़ी,ढोढर, परवलिया,रिछाचांदा, रोज़ाना,नंदावता, बनवाड़ा, रिंगनोद,रोला, में जनसंपर्क किया वे मंगलवार को कालूखेड़ा,सुखेड़ा,नौलखा,सुजापुर पिपलोदा, में जनसंपर्क करेंगे।
जनसंपर्क के दौरान शेरपुर का जगह-जगह स्वागत किया. साथ ही गाव वालो ने अपना पूर्ण समर्थन देकर विजय होने का आशीर्वाद दिया शेरपुर के साथ विधानसभा क्षेत्र के कई गांव के पंच सरपंच व शहरी क्षेत्र के प्रभुधजन, व्यापारी बंधु, माताएं बहने, युवा कार्यकर्ता साथ में रहे गांव गांव में जन समर्थन और स्नेह मिला।
रोजाना में सर्व समाज के लोगों ने निर्दलीय प्रत्याशी जीवन सिंह शेरपुर का जेसीबी से फूल वर्षा कर व फल फ्रूट से तोलकर भव्य स्वागत किया एवं घर-घर तिलक लगाकर शाल श्रीफल भेटकर जीत का आशीर्वाद दिया 

जीवन सिंह शेरपुर जनसंपर्क के दौरान चौपाल को संबोधित करते हुए बोले

नेता आरोप प्रत्यारोप लगाते रहते हैं मैं आरोप प्रत्यारोप की राजनीति करने नहीं आया मैंने कांग्रेस बीजेपी से एक ही सवाल पूछा है कि आपने 75 सालों में लोगों के लिए क्या करा है गांव में मूलभूत सुविधा तक नहीं है 75 सालों में शिक्षा व्यवस्था तक नहीं सुधार पाए। खाली बिल्डिंगे बनाने से स्कूल और हॉस्पिटल नहीं सुधर सकते हैं। मैं पैसे देकर राजनीति करने नहीं आया हूं हमारे पास में बांटने के लिए पैसे नहीं है पैसे वही लोग बांट रहे हैं जिन ने पहले पैसे आप से लुट रखें।
इन पर आरोप प्रत्यारोप लगाना हमारा मकसद नहीं है हमारा मकसद है जो मूलभूत सुविधा यह उपलब्ध नहीं करा पाए उसके लिए आवाज उठाना हम जिस मकसद जीस विज़न पर चुनाव लड़ रहे उस से यह भटकाने के लिए यह सारी हरकतें करते हैं उनको पता है कि यह लोगों को जागरुक कर रहा है अगर लोग जागरुक हो गए तो लोग नेताओं से बार-बार सवाल पूछेंगे । 
और में जागरूकता फैलाने आया हूं। चुनाव लड़ूंगा सिद्धांतों पर चुनाव लड़ूंगा मुद्दों पर और हर मुद्दे को प्राथमिकता से उठा रहा हूं और उसके लिए बोल भी रहा हूं। पार्टियों के नेताओं को एक बार किसी ने वोट नहीं दिया तो अपनी कमियां दुर करने के बजाए जिसने वोट नहीं दिया उसको प्रताड़ित करना। रात में हमारे झंडे और बैनर फाड़ के फेंक दिए यह राजनीति थोड़ी होती है मेरे गांव में दोनों पार्टियां के झंडे लगे हैं तो क्या हम उनको फाड़ कर फिंकवा देंगे ऐसी राजनीति हम नहीं करते हैं। वोट मिलेंगे काम पर वोट मिलेंगे मुद्दों पर वोट मिलेंगे मकसद पर वोट मिलेंगे सत्यता पर लेकिन इनके पास में कोई मुद्दा नहीं है ईनकी नीयत और नीति दोनों खराब है यह नेता बस पांच सालों तक जनता को लूटते हैं और चुनाव आते हैं जनता के पैसों को जनता में बाट कर जीतने का सोचते हैं।
दस दस दिन तक किसानों को ट्रांसफॉर्म नहीं मिलते है उसके लिए विधायक कभी नहीं बोले चाहे किसानों का खेत सूख जाए पूरे विधानसभा में घूम जाना एक भी सरकारी स्कूल आपको ऐसा नहीं मिलेगा जिसमें आपके बच्चों को आप पढ़ा पाए। अगर विधायक आके यह बोले कि सरकारी स्कूल की व्यवस्था अच्छी है तो उनको बोलना आपके के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में पढ़ाने के लिए क्यों भेजते हो।आपको शिक्षा और स्वास्थ्य का स्तर अच्छा करना है इस बात के लिए विधानसभा में कोई बात रख सके किसानो की बात पूरे मध्य प्रदेश में जितने विधायक है वह तो विधानसभा में नहीं रख सकें मैं आपको गारंटी देता हूं की विधानसभा में आपके लिए बोलूंगा नहीं पूरी विधानसभा को हिला दूंगा। 229 विधायक एक तरफ रहेंगे और मैं अकेला एक तरफ रहूंगा। जो हम मुद्दे उठा रहे हैं अब नेता उनको कॉपी करने में लग गए क्योंकि इन नेताओं को अब पता चला कि किसान का असली दुःख दर्द यह है उनको आज तक यह भी पता नहीं किसान दुःखी किस कारण है। वह केवल नोट छापने में व्यस्त थे और नोट छापने वाले कभी किसानों का भला नहीं कर सकते हैं मुझे केवल आपके वोट चाहिए नोट नहीं आपको भी नोट लेकर ललचाने आएंगे डराएंगे धमकाएंगे लेकीन डरना नहीं आपका भाई आपके साथ है । पैसे लेकर आए तो पैसे भी ले लेना लेकिन वोट ऑटो रिक्शा को देना हम तो फकीर हैं साधु संत की तरह झोली लेकर वोट मांगने निकले हैं नेताओं की तरह हम पैसे नहीं बांट सकते क्योंकि की हमारे पास बांटने को पैसै नहीं है।