सनातन धर्म कभी अंध विश्वास करना नहीं सिखाता- सुश्री जया किशोरी जी
सनातन धर्म कभी अंध विश्वास करना नहीं सिखाता- सुश्री जया किशोरी जी
विभिन्न संस्थाओं ने किया स्वागत-अभिनन्दन
रतलाम / D I T NEWS :- चेतन्य काश्यप फाउंडेशन द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के पांचवे दिन शुक्रवार को सुप्रसिद्ध कथावाचक सुश्री जया किशोरी जी ने भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का सुमधुर वर्णन किया। इसके बाद गोवर्धन पूजा का सजीव चित्रण किया गया और भगवान को छप्पन भोग लगाए गए। कथा के दौरान भजनों पर श्रद्धालु झूमते नजर आए। शनिवार को कंस वध, रासलीला, गोपी-उद्धव संवाद तथा श्रीकृष्ण-रूकमणी विवाह के प्रसंग श्रवण कराए जाएंगे।
सुश्री जया किशोरी जी ने कहा कि सनातन धर्म हमे कभी अंध विश्वास करना नहीं सिखाता, अपितु वह जिज्ञासा सिखाता हैं। अधिकतर शास्त्र प्रश्नों से शुरू हो रहे है। गीता जी में अर्जुन भी भगवान से प्रश्न कर रहे है। प्रश्न इस मंशा से करो की सच जानना है, इस मंशा से नहीं कि सामने वाले को गलत साबित करना है। विडंबना है कि आज प्रश्नकर्ताओं के प्रश्न में अहंकार अधिक झलकता है, सत्य की जिज्ञासा कम रहती है।
किशोरी जी ने कहा कि भगवत गीता के माध्यम से भगवान ने कई सीख दी है। उनकी सीख है कि साथ सही का देना है, भले ही सामने अपना खड़ा हो। आज यह बात बोलना आसान है, लेकिन जब वहीं परिस्थिति स्वयं पर आती है तो यह सीख नहीं निभा पाते है।
कथा के आरंभ में फाउंडेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप, श्रीमती नीता काश्यप, सिद्धार्थ काश्यप, पूर्वी काश्यप एवं श्रवण काश्यप ने पौथी पूजन किया। इसके बाद समिति सदस्यों एवं अतिथियों द्वारा आरती की गई। मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व विधायक संगीता चारेल उपस्थित रही। नगर की विभिन्न संस्थाओं श्री सनातन धर्म महारूद्र यज्ञ समिति, जीव मैत्री परिवार, श्री बद्रीनाथ सेवा ट्रस्ट, श्री हरियाणा गौड़ ब्राहम्ण समाज, श्री गढ़ कैलाश सेवा समिति, रतलाम जिला खाद बीज व्यापारी ऐसोसिएशन, खेल चेतना मेला आयोजन समिति एवं क्रीड़ा भारती, श्री परशुराम युवा मंच, गुर्जर गौड़ समाज महिला मंडल, जीतो महिला विंग चैप्टर, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन, श्री ब्राहम्ण स्वर्णकार समाज, श्री खरतरगच्छ जैन श्री संघ, जांगिड़ ब्राहम्ण मेवाड़ा समाज, सिंधी समाज, दीनदयाल मंडल आदि संस्थाओं द्वारा सुश्री जया किशोरी, फाउंडेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप स्वागत-अभिनंदन किया गया।